तुम्हारी प्रेरणा, से तुम्हारे लिए..! तुम्हारी प्रेरणा, से तुम्हारे लिए..!
एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुलग रहा हूँ | एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुल...
तुम्हारी बेरुख़ी तुम्हारी बेरुख़ी
त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता देती आई है अग्निप त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता दे...
ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है क्या तेरा कोई पक्का पता है‼️ ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है क्या तेरा कोई पक्का पता है‼️
तू दे दे मुझको मेरा प्यार है सिर्फ माँगा। तू दे दे मुझको मेरा प्यार है सिर्फ माँगा।